शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

गंदी बातें

हमारे समाज मे
कुछ काम ऐसे होते हैं
जिन्हें करते सभी हैं
या करना चाहते हैं
पर उनके बारे में
बातें करना गंदी बात है,
कुछ काम ऐसे हैं
जिन्हें कोई नहीं करना चाहता है,
उनके बारे में...
सिर्फ बातें होती हैं
योजनाएं बनती हैं,
...
गंदी बातों की अजब ही फिलासफ़ी है
प्रैक्टिकल की बात करते हैं लोग
चटखारे ले-लेकर,
पर, थियरी की बातें करना गंदी बात है,
सावधानी की बात करना बुरा है
पर भूल हो जाने पर...
खबर बन जाती है
फतवे जारी होते हैं
नियम बनाए जाते हैं
उन पर गर्मागर्म बहसें होती हैं,
...
गंदी बातों की एक और खास बात है
कि उनमें औरतें ज़रूर होती हैं,
बिना औरतों के
कोई बात गन्दी नहीं हो सकती,
क्योंकि समाज में फैली हर गंदगी
औरतों से जुड़ी होती है,
फिर उसे फैलाया किसी ने भी हो...
...
आज़ाद औरत सबसे बड़ी गंदगी है,
वो हंसकर बोले तो बदचलन
न बोले तो खूसट कहलाती है,
पर वो...
सामान्य व्यक्ति कभी नहीं हो सकती है,
अकेले रहने वाली हर औरत
एक गंदी औरत है
और उसके बारे में
सबसे ज्यादा गंदी बातें होती हैं...

रविवार, 8 अगस्त 2010

अनकही सी एक बात

अनकही सी एक बात,
सालती रही दिल को
कितने ही दिन
कितनी ही रातें, 
हिम्मत जुटाकर फिर
कह ही दिया
"लौट आओ"
और वो लौट आया चुपचाप 
बिना कुछ कहे,
मानो उसको भी था इंतज़ार 
इसी छोटी सी एक बात का, 
जो रह जाती है अक्सर
अनकही   
और तोड़ जाती है 
कितने ही रिश्तों को 
अहंकार के चलते ... ... ...

मंगलवार, 3 अगस्त 2010

क़र्ज़

एक औरत
चुका सकती है
माँ के दूध का क़र्ज़,
कुछ हद तक... 
ख़ुद माँ बनकर
एक पुरूष, 
यह नहीं कर सकता,
सृष्टि के आदि से अंत तक
संसार के सभी पुरुषों पर
रहेगा हमेशा 
यह क़र्ज़ .